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Nakul and Himanshu, Co-founders of Devnagri at Shark Tank Show

[:hi]नई दिल्ली. शार्क टैंक (Shark Tank) सभी सही कारणों से भारतीय रियलिटी टीवी (Reality tv show) का नया क्रेज है. प्रतिभाशाली व्यक्तियों और कई स्टार्ट-अप ब्रांडों ने यहां रोमांचक अवधारणाएं पेश कीं. इनमें से एक देवनागरी है, जो भारत का अपना भाषा अनुवाद इंजन है.

शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) पर, देवनागरी (Devnagri) ने अपने मशीनी अनुवाद इंजन को प्रस्तुत किया जो 85% + प्रासंगिक परिणामों के साथ तुरंत अनुवाद करता है. देवनागरी ने प्रतिबिम्ब को भी पेश किया, जो कि भारत की पहली इमेज-टू-लैंग्वेज ऐप है. यहां तक कि उन्होंने शार्क में से एक और लेन्स्कार्ट के सह-संस्थापक, सीईओ पीयूष बंसल को भी ऐप का उपयोग करने और अपनी पसंद की भाषा में कॉन्टेंट देखने के लिए आमंत्रित किया.

शार्क ने कॉन्टेंट को सभी के लिए सुलभ बनाने के उनके विज़न की सराहना की, और उन्हें फंडिंग भी मिली. देवनागरी, एआई-संचालित मानव बुद्धिमत्ता के माध्यम से, एक दिन में 10 लाख शब्दों का अनुवाद करता है.

कॉन्टेंट को सभी के लिए सुलभ बनाने को स्थापना की  

नकुल कुंद्रा और हिमांशु शर्मा के दिमाग की उपज, देवनागरी की स्थापना इस परिकल्पना के साथ की गई थी कि कॉन्टेंट को सभी के लिए सुलभ बनाया जाए और एक अरब से अधिक भारतीयों के साथ उनकी भाषा में बातचीत करके मजबूत संबंध बनाकर भाषाई बाधाओं को दूर किया जाए.

63 प्रतिशत स्थानीय भाषा उपयोगकर्ता क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ना चाहेंगे 

हाल के एक गूगल अध्ययन में कहा गया है कि 98 प्रतिशत भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ता या तो विशेष रूप से या अंग्रेजी के साथ भारतीय भाषा में इंटरनेट का उपयोग करते हैं. स्थानीय भाषा के 45 प्रतिशत उपयोगकर्ता केवल क्षेत्रीय भाषाओं में ही कॉन्टेंट को एक्सेस करना पसंद करते हैं. 63 प्रतिशत स्थानीय भाषा उपयोगकर्ता विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ना चाहेंगे. यह भारतीय संदर्भ में देशी कॉन्टेंट की संभावनाओं और अपेक्षाओं को दर्शाता है.

देवनागरी का प्लेटफॉर्म, मशीन लर्निंग के साथ एआई और मानव-संचालित अनुवाद को जोड़ता है. वे कुटुंभ द्वारा संचालित हैं, जो 5000+ देशी भाषा बोलने वालों और अनुवादकों का एक समुदाय है जो 5 गुना तेज, किफायती और अधिक सटीक अनुवाद करने में सक्षम है. कंपनी भारतीय भाषाओं को एक मंच पर रखने की परिकल्पना करती है.

सहज अनुवाद सेवा की आवश्यकता पर बोलते हुए देवनागरी के सह-संस्थापक हिमांशु शर्मा कहते हैं, “1200 से अधिक बोलियों और 22 क्षेत्रीय भाषाओं के साथ, भारत में भाषा अनुवाद का एक विशाल बाजार है. देवनागरी के साथ, हम ब्रांडों और व्यक्तियों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचने में मदद करना चाहते हैं. वे पहले से ही कुछ जानी-मानी ई-कॉमर्स, बीएफएसआई और एड-टेक कंपनियों को क्षेत्रीय भाषाओं में उनके दर्शकों के साथ संवाद करने में मदद कर चुके हैं. देवनागरी ने वेंचर कैटेलिस्ट, इंफ्लेक्शन पॉइंट वेंचर और अन्य सह-निवेशकों से 600,000 डॉलर भी जुटाए.

भारतीय भाषाओं में कॉन्टेंट के इंटरनेट पर उपलब्ध होने की जरूरत

देवनागरी के सह-संस्थापक नकुल कुंद्रा ने कहा, “भारतीय भाषाओं में कॉन्टेंट को इंटरनेट पर उपलब्ध होने की अत्यधिक आवश्यकता है, ताकि सभी भौगोलिक क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचा जा सके और उनसे बात की जा सके. हम बी2बी ग्राहकों को टैप करने के लिए अपने परिचालन को बढ़ाना चाहते हैं और उन्हें टीयर II और टीयर III शहरों से अंतिम-उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने के लिए अधिक स्थानीय कॉन्टेंट तैयार करने में सक्षम बनाना चाहते हैं.

आज जब भारत लोकलाइज़ेशन की ओर बढ़ रहा है, देवनागरी में, निस्संदेह बीएफएसआई, एड-टेक, ओटीटी, ई-कॉमर्स एवं कई और उद्योगों में विस्तार करने और उन्हें उनके लक्षित दर्शकों तक पहुंचने में मदद करने के लिए एक विशाल स्कोप है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे भारत के लोगों को और अधिक जुड़े रहने में मदद कर सकते हैं, जिससे भारत सही मायने में एक भारत, श्रेष्ठ भारत लिंक बन सके.

Source: https://hindi.news18.com/news/business/devnagri-reflects-on-reality-tv-show-shark-tank-india-4005830.html[:]

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